The 5-Second Trick For तरबूज के रस के फायदे

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तरबूज़ की फाँकों पर काली मिर्च पाउडर, सेंधा व काला नमक बुरककर खाने से खट्टी डकारों का बंद होना।

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तरबूज की उत्पत्ति जोधपुर जिले के मोडकिया ग्राम से मानी जाती है ग्राम के निवासी भरूवो के जाटाले खेत में बड़े-बड़े तरबूज एवं मतीरे होते थे देश विदेश के लोग यहां से तरबूज एवं मतीरे खाने के लिए आते थे और साथ में भी ले जाते थे अभी भी यहां के तरबूज विश्व भर में प्रसिद्ध है देश-विदेश के पर्यटक यहां के बड़े-बड़े तरबूज तरबूज खाने के लिए आते हैं खेती व प्रयोग

विटामिन सी की उच्च मात्रा प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करती है

पोषक का एक बड़ा स्रोत होने के नाते आपकी ऊर्जा को बढ़ाता है

महिला स्वास्थ्य गर्भावस्था बच्चों की देखभाल महिला स्वास्थ्य की जानकारी मातृत्व

तरबूज के रस के उपयोग से लाभ होता है। खोजने में आसान होने के कारण, यह गर्मियों के दौरान पीने की मांग है। यह कई स्वास्थ्य लाभ के साथ भरा हुआ है। यह आपको अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखता है और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। शारीरिक वजन को बनाए रखा जा सकता है और इससे दिल भी मजबूत रहता है। यह किडनी के स्वास्थ्य में भी सुधार करता है। तरबूज का रस सीधे त्वचा पर लगाया जा सकता है। एक गाढ़े रस का उपयोग स्क्रब के रूप में किया जा सकता है। तरबूज के गूदे को कुछ मिनटों के लिए अपनी त्वचा पर छोड़ दें और एक्सफ़ोलीएटिंग प्रभाव देखें जो आपकी त्वचा को देता है। यह सीधे त्वचा में सभी पोषक तत्वों को अवशोषित करता है और आपको ताजा और युवा दिखने वाला बनाता है। यह त्वचा को कोमल बनाता है और यदि कोई हो तो टैन को हटा देता है।

जो भी खुजली से परेशान रहते हैं, वे तरबूज फल को पीसकर खुजली वाले स्थान पर लगाएं। इससे खुजली ठीक हो जाती है। अधिक लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।

पेठा का नियमित सेवन करके शुक्राणुओं की संख्‍या को बढ़ाया जा सकता है।

तंत्रिका और मांसपेशियों को परेशानी हो सकती है

मधुमेह रोगियों को मना हे क्योकि इससे इंसुलिन में असंतुलन होता here है

पोटेशियम और विटामिन सी की अच्‍छी मात्रा पेठा फल में पाई जाती है। इन तत्‍वों की पर्याप्‍त मात्रा के साथ ही इसमें अन्‍य पोषक तत्‍व भी होते हैं जो कार्डियोवैस्‍कुलर स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। पोटेशियम एक वासोडिलेटर के रूप में काम करता है और रक्‍तवाहिकाओं और नसों में तनाव को कम करके रक्‍तचाप को कम करने में मदद करता है। रक्‍तचाप नियंत्रित रहने से शरीर में उचित रक्‍त प्रवाह बना रहता है। इस तरह यह हृदय समस्‍याओं और कोरोनरी हृदय रोग के खतरे को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन सी दिल के दौरे की संभावनाओं को भी कम करने के लिए जाना जाता है।

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